Details, Fiction and बबूल के फायदे और नुकसान





सफ़ेद पानी/श्वेत प्रदर leucorrhoea : १० ग्राम छाल को ४०० ग्राम पानी में उबाल कर काढ़ा बनाकर पीने से सफ़ेद पानी की समस्या दूर होती है।

पुरुषों के वीर्य को बढ़ाने के लिए बबूल के गोंद को घी में तलकर खाने से काफी लाभ मिल सकता है।

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बबूल के गोंद का पानी पिलाने से पेचिश और दस्त दूर होते है। गोंद को दस ग्राम की मात्रा में लेकर, पचास ग्राम पानी में भिगोकर, मसलकर और फिर छान कर पीना चाहिए।

भूख की कमी या भोजन से अरुचि की समस्या को ठीक करने के लिए बबूल या कीकर की फली का अचार लें। इसमें सेंधा नमक मिलाकर खिलाएं। इससे भूख बढ़ती है, और जठराग्नि प्रदीप्त होती है।

ग्वार फली शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करने में मदद करती है। इस हरी सब्जी में फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्ऱॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह बात हर कोई जानता है शरीर का कोलेस्ट्ऱॉल सही रहने से हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है।

गोंद: बबूल के पेड़ से गोंद भी प्राप्त होती है। बबूल का गोंद गर्मी के मौसम में एकत्रित किये जाते हैं। पेड़ पर जब चीरा लगता है तो उसमें से जो निर्यास निकालता है वही सूख कर पीला सा हो जाता है और बबूल का गोंद कहलाता है।

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अधिक मात्रा में ग्वार फली का सेवन करने से पेज में सूजन की समस्या हो सकती है। जिन लोगों को लूज मोशन या उल्टियां हो रही हैं उन्हें भी ग्वार फली का सेवन करने से बचना चाहिए।

बबूल गोंद के अधिक सेवन से घबराहट एवं जी मचलाने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

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बबूल की गोंद को पानी में डालकर सेवन किया जा सकता है। 

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शरीर के किसी भी अंग से रक्तस्राव हो रहा हो तो उस अंग पर बबूल के पत्तों का रस लगाएं। इससे रक्तस्राव रुक जाता है।

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